पूर्व सीएम की बातों में फिर छलका दर्द, कहा- देवस्थानम बोर्ड होता तो उसकी आय से हो जाता पुनर्निर्माण
Devasthanam Board
Devasthanam Board: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर देवस्थानम बोर्ड को भंग(dissolution of Devasthanam Board) किए जाने के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज यदि देवस्थानम बोर्ड होता तो जोशीमठ के विस्थापन(displacement of joshimath) के लिए धन के लिए भटकना नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम की आय से ही जोशीमठ का विस्थापन हो जाता। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड(Devasthanam Board) से सालाना सवा सौ करोड़ से लेकर 150 करोड़ तक की आय होती।
अकेले बद्रीनाथ धाम की आय से ही जोशीमठ शहर के विस्थापन आदि के काम हो जाते। उन्होंने कहा कि कुछ फैसले दूरगामी सोच के अनुसार लिए जाने चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि मेरा दुर्भाग्य रहा कि मै लोगों को देवस्थानम बोर्ड के बारे मे समझा नहीं पाया। त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि शायद मैं इस योग्य नहीं था कि लोगों को इस बारे में समझा पाता।
विकास प्राधिकरण स्थगित करने पर भी उठा चुके सवाल / Questions have been raised even after postponing the Development Authority
यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हों। उन्होंने इससे पहले भी बोर्ड को भंग करने के फैसले को गलत बताया है। इसके साथ ही उन्होंने जिला विकास प्राधिकरणों को स्थगित करने पर भी सवाल उठाए हैं। जिसके जबाव में दो दिन पहले ही शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा था कि जिला विकास प्राधिकरण को जल्दबाजी में बना दिया गया था।
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